Tuesday, September 12, 2017

आदरणीय अटल बि हारी बाजपेयी जी के नाम

आदरणीय अटल बि हारी बाजपेयी जी के नाम

अंद्धरूनी सत्य लि ए हृदय बीच
टलता रहा समय
लम्हों में सरकती रही जि न्दगानी
बि ना कि सी बि गुल के
हारती हुई नारायणी सेना
रीझ उठी, झूम उठी
बासन्ती हवा मदमस्त हुई
जलती रही थी धरा सदि यों से
पेड़ों ने भी अपनाई खामोशी
इन्हें तुमने सहलाया है... ।

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