आदरणीय अटल बि हारी बाजपेयी जी के नाम
अंद्धरूनी सत्य लि ए हृदय बीच
टलता रहा समय
लम्हों में सरकती रही जि न्दगानी
बि ना कि सी बि गुल के
हारती हुई नारायणी सेना
रीझ उठी, झूम उठी
बासन्ती हवा मदमस्त हुई
जलती रही थी धरा सदि यों से
पेड़ों ने भी अपनाई खामोशी
इन्हें तुमने सहलाया है... ।
अंद्धरूनी सत्य लि ए हृदय बीच
टलता रहा समय
लम्हों में सरकती रही जि न्दगानी
बि ना कि सी बि गुल के
हारती हुई नारायणी सेना
रीझ उठी, झूम उठी
बासन्ती हवा मदमस्त हुई
जलती रही थी धरा सदि यों से
पेड़ों ने भी अपनाई खामोशी
इन्हें तुमने सहलाया है... ।
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