मिले हो तुम माँगना क्या रब से।
ये हाथ उठेंगे न कभी
दआु के लिए,
जिसे देखा नहीं कभी
न महसूस ही किया है
जीना भी क्या उस
खुदा के लिए
स्वप्न सलोना हो तुम
मिल जाओ आकर मुझसे
सदा के लिए,
इक प्यास हाँ
इक प्यास ही है,
जो बसती दो साँसो बीच कभी
कभी बसती दो नयन बीच
नीर बन तुम्हारी इक अदा के लिए
***
dil ki baat keh di :)!
ReplyDeletebeautiful words...
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