Friday, June 15, 2012

अनारकली




बदरंग दीवारो की तरह
चकते उभर आए हैं
मेरा दिल जैसे
इक सूना कमरा
बंद दीवारों के बीच
घुट रही हूँ
बाहर
कौन?
क्या ?
कहाँ?
मैं तो चुन दी गई हूँ
अनारकली की तरह।

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